कविता कविता : मेरी माँ … February 9, 2010 / December 25, 2011 by शिवानंद द्विवेदी | 6 Comments on कविता : मेरी माँ … आज फिर अल्लसुबह उसी तुलसी के विरवा के पास केले के झुरमुटों के नीचे पीताम्बर ओढ़े वो औरत नित्य की भांति दियना जला रही थी ! मै मिचकती आँखों से उसे देखने में रत था , वो साधना वो योग वो ध्यान वो तपस्या, उस देवी के दृढ संकल्प के आगे नतमस्तक थे ! वो […] Read more » Maa मां