कविता मेरे बाबा है भोले भंडारी March 12, 2021 / March 12, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मेरे बाबा है भोले भंडारी,उनकी नंदी की है सवारी।उनके पास जो कोई जाता,कभी खाली हाथ न आता।। मेरे बाबा पहने सर्पो की माल,वे काल के भी है महाकाल।उनके मस्तक पर चंद्र बिराजे,जटाओं में गंगा मैया है बिराजे।। मेरे बाबा मृग छाला है पहने,हाथो मे रुद्राक्ष अनेकों पहने।वे त्रिशूल पर डमरू लटकाते,वे भांग धतूरा भी खूब […] Read more » मेरे बाबा है भोले भंडारी