कविता मैं ना हासिल होउंगा। October 21, 2021 / October 21, 2021 by अजय एहसास | Leave a Comment बंद हुए दिल के दरवाजे रूह से दाखिल होउंगामुझे पता है तेरी दुआओं में मैं शामिल होऊंगाले आई है चाहत तेरी मुझको यार तेरे दर परलेकिन इतनी आसानी से मैं ना हासिल होउंगा दिल ये साफ हो रूह पाक हो मन में मैल कभी ना हो वह कहती है यार तभी मैं उसके काबिल होउंगायाद […] Read more » मैं ना हासिल होउंगा।