कविता साहित्य याद तुम्हारी January 3, 2017 / January 3, 2017 by मधु शर्मा कटिहा | Leave a Comment मधु शर्मा कटिहा खुश बहुत थी याद तेरी अब मुझे आती नहीं, डूबकर इक अक्स में अब मैं खो जाती नहीं। उफ़! भूलते ही याद आ गया फिर से तू क्यों? कोई रिश्ता ही नहीं तो दर्द भी देते हो क्यों? चल रही हवा तो पत्ते चुप से हैं मायूस क्यों? रोशनी सूरज की […] Read more » याद तुम्हारी