राजनीति लमहों ने खता की और…. September 26, 2013 / September 26, 2013 by विजय कुमार | 1 Comment on लमहों ने खता की और…. उर्दू कवि मुजफ्फर रजमी की निम्न पंक्तियां बहुत प्रसिद्ध हैं, जिन्हें लोग बातचीत में प्रायः उद्धृत करते हैं – ये जब्र भी देखा है तारीख की नजरों ने लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई।। जब-जब जम्मू-कश्मीर की वर्तमान दुर्दशा की चर्चा होगी, तब-तब इन पंक्तियों की सार्थकता दिखाई देगी। लोग इन गलतियों […] Read more » लमहों ने खता की और..