कहानी साहित्य विश्वनाथ February 25, 2016 by बलवन्त | Leave a Comment ‘विश्वनाथ! अरे ओ हमार लाल, कहाँ चला गवा रे तू! तोरे बिना हमार मन नाहीं लागत है रे! हे भगवान! हमार बिटवा के हमरे पास वापस भेज दे, ना त हमरा के उके पास भेज दे भगवान!’ गुलेटन दास अपने प्यारे बेटे को याद कर रोये जा रहा था, तभी उसके छोटे बेटे की पत्नी […] Read more » विश्वनाथ