कविता वेदना ने स्पर्श जब पाया तुम्हारा April 22, 2013 by विजय निकोर | 2 Comments on वेदना ने स्पर्श जब पाया तुम्हारा वेदना ने स्पर्श जब पाया तुम्हारा मेरी तंग उदास गलियों में बिछे घनान्धकार ने अकस्मात जाना पूर्णिमा का चाँद इतना सौम्य, इतना संपन्न क्यूँ है ? मात्र तुम्हारे आने से मेरा संसार इतना दीप्तिमान क्यूँ है ? वेदना ने स्पर्श जब पाया तुम्हारा […] Read more » वेदना ने स्पर्श जब पाया तुम्हारा