राजनीति व्यंग्य व्यंग्य बाण : कुर्सी की दौड़ में February 26, 2014 by विजय कुमार | 3 Comments on व्यंग्य बाण : कुर्सी की दौड़ में वैसे तो सभी बच्चे शरारती होते हैं, और जो शरारती न हो, वह बच्चा ही क्या ? पर शर्मा जी के मोहल्ले बच्चे, तौबा-तौबा। वे कब, क्या कर डालेंगे, भगवान को भी नहीं मालूम। शर्मा जी के घर के बरामदे में एक अति प्राचीन ऐतिहासिक कुर्सी रखी है। हम लोग हंसी में उसे महाभारतकालीन कहते […] Read more » व्यंग्य बाण : कुर्सी की दौड़ में