व्यंग्य शराबी के मुंह की दुर्गन्ध मां और पत्नी को महसूस नहीं होती February 8, 2014 / February 8, 2014 by डॉ. भूपेंद्र सिंह गर्गवंशी | Leave a Comment -डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी- हमारे खानदान के सभी ढाई, तीन, साढ़े तीन अक्षर नाम वाले लोग निवर्तमान नवयुवक हो चुके हैं, कुछ तो जीवन की अर्धशतकीय पारी खेल रहे हैं तो कई जीवन के आपा-धापी खेल से रिटायर भी हो चुके हैं। कुछ जो बचे हैं वे लोग अर्धशतकीय और उसके करीब की पारियां […] Read more » satire on indian soceity शराबी के मुंह की दुर्गन्ध मां और पत्नी को महसूस नहीं होती