चिंतन शिक्षा-दीक्षा की आदर्श परंपराएं संस्कारहीनता के आगे बौनी हो गई हैं September 10, 2012 / September 9, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | 2 Comments on शिक्षा-दीक्षा की आदर्श परंपराएं संस्कारहीनता के आगे बौनी हो गई हैं डॉ. दीपक आचार्य शिक्षा-दीक्षा और संस्कार ये जीवन निर्माण के वे बुनियादी तत्व हैं जो व्यक्तित्व के विकास के लिए नितान्त अनिवार्य हैं और इनके संतुलन के बगैर न शिक्षा का महत्त्व है न संस्कारों का। अकेली शिक्षा-दीक्षा और अकेले संस्कारों से व्यक्तित्व के निर्माण और जीवन निर्वाह की बातें केवल दिवा स्वप्न ही हैं। […] Read more » शिक्षा-दीक्षा की आदर्श परंपराएं