कविता कविता:शिवेश प्रताप सिंह December 28, 2011 / December 28, 2011 by शिवेश प्रताप सिंह | 1 Comment on कविता:शिवेश प्रताप सिंह आज हमारी की तुने सोचा है शायद तुमने अपने विनाश को कुरुक्षेत्र में खींचा है गीता वो है जिसको गाते हर वीर यहाँ बलिदान हुआ है गीता वो है जिसको गाते हर जीवन का वैराग्य हुआ है गीता वो है जिसको रट म्यानों में तलवारें हुंकार उठी थी आरि की सेना पर गीता […] Read more » poem by Shivesh Pratap Singh कविता शिवेश प्रताप सिंह