विविधा सेक्स बनाम शुचिता का नारा June 20, 2011 / December 11, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on सेक्स बनाम शुचिता का नारा सतीश सिंह आज भी भारत में सेक्स को वर्जना की तरह देखा जाता है। जबकि हमारे देश में खजुराहो से लेकर वात्सायन के कामसूत्र जैसी कृतियों में सेक्स के हर पहलू पर रोशनी डाली गई है। स्वस्थ व सुखी जीवन के लिए संयमित सेक्स को उपयोगी बताया गया है। सेक्स का स्थान जीवन में पहला तो […] Read more » Sex शुचिता सेक्स