लेख सामाजिक समरसता का समुच्चय है श्रीराम का जीवन April 20, 2021 / April 20, 2021 by डॉ. वंदना सेन | Leave a Comment राम नवमी पर विशेष…डॉ. वंदना सेनप्रायः कहा जाता है कि जीवन हो तो भगवान श्रीराम जैसा। जीवन जीने की उच्चतम मर्यादा का पथ प्रदर्शक भगवान श्रीराम के जीवन पर दृष्टिपात करेंगे तो निश्चित ही हमें कई पाथेय दिखाई देंगे, लेकिन इन सबमें सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण कहीं और दिखाई नहीं देता। अयोध्या के राजा […] Read more » राम नवमी श्रीराम का जीवन
धर्म-अध्यात्म अनुकरणीय पाथेय है श्रीराम का जीवन April 1, 2020 / April 1, 2020 by डॉ. वंदना सेन | 2 Comments on अनुकरणीय पाथेय है श्रीराम का जीवन रामनवमी पर विशेष- डॉ. वंदना सेन भारतीय सांस्कृतिक दर्शन की धारा को प्रवाहित करने वाले भारतीय साहित्य में वसुधैव कुटुम्बकम का भाव सदैव समाहित रहा है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण और संत तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस ने सामाजिक समरसता के भाव का प्रवाहन बहुत ही गहनता से किया है। उदारता के भाव से अनुप्राणित […] Read more » श्रीराम का जीवन