कविता
संक्रांति, लोहड़ी मने
/ by प्रियंका सौरभ
जन जीवन खुश हो रहा, हर्षित हुआ अनंग।संक्रांति, लोहड़ी मने, खुशियाँ छाई अंग।। मकर संक्रांति ये कहे, रहो सजग तैयार।हृद पराग परिपूर्ण हो, झूम उठे संसार।। बहुत-बड़ा यह पर्व है, जग जीवन आधार।आधि-व्याधि सब दूर हो, करे नवल संचार।। मकर संक्रांति पर्व ये, भरता नव उमंग।तिल-गुड़ खा पोषित हो, जीवन की पतंग।। दान पुण्य के […]
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