कविता संघातों में सदा अविचल होना ! December 30, 2019 / December 30, 2019 by आलोक पाण्डेय | Leave a Comment तुम वीरता के दृढ़ प्रतिमान , कभी नहीं धीरज खोना ! कंटक राहें हों दुर्निवार , न भयभीत कहीं रुकना-झुकना ! तुम वीर प्रहरी पुण्यभूमि के , अनंत शक्ति संवाहक होना ; तूफान मिले विस्फोट मिले , अडिग अटल अविचल होना । तुम सभ्यता के पुरातन दृढ़ स्तम्भ , अनन्त संस्कृतियों के ,चिर-संवाहक होना ; […] Read more » संघातों में सदा अविचल होना