समाज अबूझ है संवेदना का समाजशास्त्र….!! December 8, 2014 / December 8, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on अबूझ है संवेदना का समाजशास्त्र….!! रकेश कुमार ओझा कुछ साल पहले मेरी नजर में एक एेसे गरीब युवा का मामला आया, जो आइआइटी में दाखिला लेने जा रहाथा और उसे मदद की आवश्यकता थी। मेने अपना कर्तव्य समझ कर उसकी समस्या को प्रचार की रोशनी में लाने की सामर्थ्य भर कोशिश कर दी। क्या आश्चर्य कि दूसरे दिन उस छात्र […] Read more » संवेदना का समाजशास्त्र