व्यंग्य सदाखुश बाबू January 10, 2012 / January 10, 2012 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार शर्मा जी में यों तो कई विशेषताएं हैं; पर सबसे बड़ी विशेषता है कि वे स्वयं भी खुश रहते हैं और बाकी लोगों को भी खुश रखते हैं। अतः लोग उन्हें सदाखुश बाबू भी कहते हैं। जिस दिन विश्व की जनसंख्या सात अरब हुई, उससे अगले दिन मिले, तो खुशी मानो गिलास से […] Read more » sadakhush babu story by vijay kumar सदाखुश बाबू