व्यंग्य साहित्य ‘सर ‘ का डर …!! January 26, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on ‘सर ‘ का डर …!! जल्दी -जल्दी खाना खा… डर लगे तो गाना गा…। तब हनुमान चालिसा के बाद डर दूर करने का यही सबसे आसान तरीका माना जाता था।क्योंकि गांव – देहात की कौन कहे, शहरों में भी बिजली की सुविधा खुशनसीबों को ही हासिल थी। लिहाजा शाम ढलने के बाद शहर के शहर अंधेरे के आगोश में चले […] Read more » 'सर ' का डर ...!!