व्यंग्य साहित्य सांप और सीढ़ी June 5, 2013 by विजय कुमार | Leave a Comment परसों शर्मा जी के घर गया था। वहां उनसे गपशप का सुख तो मिलता ही है, कभी-कभी शर्मा मैडम के हाथ की गरम चाय भी मिल जाती है; लेकिन परसों शर्मा मैडम घर में नहीं थीं, इसलिए चाय की इच्छा अधूरी रह गयी। तभी शर्मा जी ने बताया कि उनके पड़ोस में एक नये किरायेदार […] Read more » सांप और सीढ़ी