कविता जिंदगी May 22, 2021 / May 22, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह सुबह होती है रात होती है|हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है|किताब के हर पन्ने पे,वही अध्याय होता है|हर अध्याय में,वही दैनिक दिनचर्या होती है|सुबह होती है,रात होती है|हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है|वक़्त न जाने किस मोड़ पे,किताब की जगह कॉपी दे दे|सारे कर्मों का लेखा जोखा […] Read more » जिंदगी सुबह होती है रात होती है हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है……