कविता हर सांस के साथ तुम हो ! August 2, 2020 / August 2, 2020 by पंडित विनय कुमार | Leave a Comment पंडित विनय कुमार हर सांस के साथ तुम होऔर तुम्हारी पीड़ा भी ।जो पीड़ा हवाओं मेंहर क्षण मौजूद दिख रही है।जिसका होना सुनिश्चित है इस धरा पर।जैसे होना जरूरी है हवाओं काजैसे होना जरूरी है बादलों काजैसे होना जरूरी है नदियों काजैसे होना जरूरी है सागर काजैसे होना जरूरी है सागर के खारे जल काजैसे […] Read more » हर सांस के साथ तुम हो