चिंतन हांफती जिंदगी और त्योहार…!! October 1, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा काल व परिस्थिति के लिहाज से एक ही अवसर किस तरह विपरीत रुप धारण कर सकता है, इसका जीवंत उदाहरण हमारे तीज – त्योहार हैं। बचपन में त्योहारी आवश्यकताओं की न्यूनतम उपलब्धता सुनिश्चित न होते हुए भी दुर्गापूजा व दीपावली जैसे बड़े त्योहारों की पद्चाप हमारे अंदर अपूर्व हर्ष व उत्साह भर देती […] Read more » हांफती जिंदगी और त्योहार