कविता
हिंदी में
/ by प्रभुदयाल श्रीवास्तव
लेख लिखा मैंने हिंदी में,लिखी कहानी हिंदी मेंलंदन से वापस आकर फिर,बोली नानी हिंदी में। गरमी में कश्मीर गये तो,घूमें कठुआ श्रीनगर।मजे -मजे से बोल रहे थे,सब सैलानी हिंदी में। पापा के सँग गए घूमने,हम कोच्ची में केरल के,छबि गृहों में लगा सिनेमा ,,“राजा जॉनी” हिंदी में। बेंगलुरु में एक बड़े से,होटल में खाना खाया।सब […]
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