कविता एक नारी की अभिलाषा करवाचौथ पर October 25, 2021 / October 25, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मेरी मांग के सिन्दूर भी तुम,मेरी आंख के काजल भी तुम,मेरी उम्र लग जाए अब तुमको,मेरे सर के सरताज भी तुम।। मेरे बालो के गजरे हो तुम,मेरी नाक की नथनी हो तुम।सजधज के आई तुम्हारे लिए,बताओ अब मेरे कौन हो तुम ? मेरे माथे की बिंदिया भी हो तुम,मेरी रातों की निंदिया भी हो तुम।रह […] Read more » A womans wish on Karva Chauth एक नारी की अभिलाषा करवाचौथ पर