कविता
सावन का महीना,अब्दुल्ला करे शोर
/ by आर के रस्तोगी
सावन का महीना,अब्दुल्ला करे शोर |महबूबा ऐसे काँपे,जैसे कैद में काँपे चोर || मोदी शाह तुमने,ऐसा गजब है ढायो,370 को पास कराने में जरा न वक्त लगायो |हम तो पड़े चारो खाने चित्त,कुछ न कर पायो,भागने के लिये अपना सामान भी बाँध न पायो |पड़ी है बड़ी मुश्किल,घर में हो रहे है बोर,सावन का महीना,उमर […]
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