खान-पान मिलावट: मुंह में नहीं, ज़मीर में घुला ज़हर June 9, 2025 / June 9, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment मिलावट अब केवल खाने-पीने तक सीमित नहीं रही, यह हमारे सोच, संबंध, और व्यवस्था तक में घुल चुकी है। मूँगफली में पत्थर हो या दूध में डिटर्जेंट, यह मुनाफाखोरी की संस्कृति का विस्तार है। उपभोक्ता की चुप्पी, सरकार की ढील और समाज की “चलता है” मानसिकता ने इसे स्वीकार्य बना दिया है। मिलावट एक नैतिक […] Read more » Adulteration: Poison mixed in conscience मिलावट