कविता
गुजर जाती है उम्र,रिश्ते बनाने में।
/ by आर के रस्तोगी
गुजर जाती है उम्र,रिश्ते बनाने में।पर पल नही लगता इसे ठुकराने में।। वक्त लगता है,अपना घर बनाने में।पर पल नही लगता,इसे गिराने में।। उम्र खत्म हो जाती है,धन कमाने में।पर पल नही लगता है,उसे गवांने में।। बड़ी मुश्किलें आती है,एक सच्चा दोस्त बनाने में,पर पल भर नही लगता,उससे दुश्मनी बनाने में।। जिंदगी घटती जाती है,पल […]
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