मीडिया विचारों की आचार-संहिता पर चरमपंथ की राजनीतिक छाया January 31, 2012 / January 31, 2012 by संदीप ठाकुर | 1 Comment on विचारों की आचार-संहिता पर चरमपंथ की राजनीतिक छाया क्या जयपुर लिटेरी फेस्टिवल की पटकथा में राजनीति का छायांकन जरुरी था या फिर सोच-समझ कर यह विवादस्पद रचना गढ़ी गयी थी. या फिर कार्पोरेटी मैनेजमेंट की माया में उलझ कर ब्रांड प्रमोशन का जरिया बनकर उभरा. जिसको कैश कराने के लिए कई तरह की दुकाने खुली. जिसको जो बेचकर निकलना था वो निकल गया.जिस […] Read more » arrival of Salman Rushdie arrival of Salman Rushdie in Jaipur चरमपंथ की राजनीतिक छाया द सटानिक वर्सेस विचारों की आचार-संहिता