व्यंग्य ‘जादू की झप्पी ‘ वाला बैग…!! November 9, 2014 / November 15, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा बदहाल हिंदी पट्टी में दूसरे मोर्चो पर चाहे जितनी विसंगतिया नजर आए लेकिन उत्तर भारत के गांवों में होने वाली शादियों में मुझे विचित्र किस्म का समाजवाद नजर आता है। ‘ अच्छी शादी ‘ हो या ‘जैसे – तैसे ‘ हुई। परिदृश्य में गजब की समानता देखने को मिलती है। वही खेतों में डेरा डाले बाराती और उनकी मेजबानी […] Read more » bag of jadu ki jhappi