विविधा ये इल्म का सौदा, ये रिसालें, ये किताबें June 15, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 2 Comments on ये इल्म का सौदा, ये रिसालें, ये किताबें -फ़िरदौस ख़ान ये इल्म का सौदा, ये रिसालें, ये किताबें इक शख्स की यादों को भुलाने के लिए हैं शायद जां निसार अख्तर साहब ने किताबों को जो अहमियत दी है, उसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता। यह हकीकत है कि अच्छे दोस्तों के न होने पर किताबें ही हमारी सबसे अच्छी […] Read more » Book किताब