कविता कुछ कर्म भलाई का कर ले March 10, 2024 / March 12, 2024 by राकेश कुमार सिंह | Leave a Comment जीवन में आशाओं कामोल कहाँ मिल पाएगाइस मतलब की दुनिया मेंकौन साथ निभाएगा। सोना चाँदी हीरे मोतीमिट्टी तक बिक जाती हैबाजारों में गिरवी है जोइज्जत तक बिक जाती है। पहने धरम करम का चोलापाप कमाई करता मानवईश्वर तक को भूल गयाईश्वर से कब डरता मानव। शापित है हर शख्स यहाँहैरान भी है परेशान है मानवअपनों […] Read more » By doing some good deeds with dreams in your eyes