कविता बन के बादल,जमी पर बरसते रहे July 29, 2019 / July 29, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी बन के बादल,जमीं पर बरसते रहे |एक बूँद के लिये,हम तरसते रहे || आस्तिनो के साये में पाला जिन्हें |साँप बन कर हमे,वो डसते रहे || बारिस के मौसम में,हम फिसलते रहे |उनका हाथ पकड़ने के लिये तरसते रहे || बारिस हुई,पर सब जगह कीचड़ थी |फिसलन इतनी थी,पैर फिसलते रहे || […] Read more » cloud poem Rain Raining