विविधा वो तुम्हारे जाने का गम July 4, 2011 / December 9, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | Leave a Comment चर्चित संगीतकार दान सिंह को श्रद्धा-सुमन चण्डीदत्त शुक्ल बेदम, निचुड़ी-सूखी धरती ने इधर-उधर छिटके पानी से अपने पपड़ाए होंठ गीले करने की नाकाम कोशिश के बाद हाथ जोड़कर सूरज से कहा–क़हर बरपाना छोड़ो, फिर बादलों से गुहार की–निष्ठुर, कितना इंतज़ार करूं! उलाहना जैसे दिल में तीर की तरह लगा और सब के सब काले बादल […] Read more » Daan singh दान सिंह