खेत-खलिहान कितने भयावह हैं आहरों को मिटाने के नतीजे! September 29, 2009 / December 26, 2011 by अमरेन्द्र किशोर | 1 Comment on कितने भयावह हैं आहरों को मिटाने के नतीजे! झारखंड के लोक गीतों और लोक कथाओं में जहाँ जल स्त्रोंतों की स्तुति छलकती है वहीं सरकार द्वारा गठित विभिन्न आयोगों के रिपार्ट से इस बात की जानकारी मिलती है कि वहाँ कभी सिंचाई की बड़ी अच्छी व्यवस्था थी। उल्लेखनीय है कि 1860 ई0 में अंग्रजों ने भीषण अकाल के बाद ईस्ट इण्डिया इरीगेशन एण्ड […] Read more » Dangerous भयावह