विविधा दिल टूटे तो…/ स्वेता सिंह November 2, 2011 / December 5, 2011 by श्वेता सिंह | 3 Comments on दिल टूटे तो…/ स्वेता सिंह क्या कहूं ? सुना था जब किसी का दिल टूटता है तो वो कवि बन जाता है। कालीदास की कविताओं पर भी नागार्जुन ने कहा है…कालीदास सच सच बतलाना तुम रोये थे या रति रोयी थी। आपने भी सुनी होगी वो कविता….वियोगी होगा पहला कवि आह से निकला होगा गान…ये सारी वो बाते हैं…जो एक […] Read more » dil दिल