कविता
कुछ ऐसा काम करें !
/ by डा.सतीश कुमार
डॉ.सतीश कुमार आओ बैठें मिल जुलकर हम, प्रेम-प्यार की बात करें। कुछ कहें-सुने हम सब की, अपना भी इजहार करें। ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा, सब कुछ हो हमारा, आओ कुछ ऐसा काम करें। देखे जो सपने सुनहरे भविष्य के, उन्हें हकीकत में बदल, सफलता की निरंतर सीढ़ियां चढ़, अपने, सबके जीवन को खुशियों […]
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