दोहे दिवाली पर दोहे – हिमकर श्याम October 25, 2014 / November 15, 2014 by हिमकर श्याम | 1 Comment on दिवाली पर दोहे – हिमकर श्याम चाक घुमा कर हाथ से, गढ़े रूप आकार। समय चक्र ऐसा घुमा, हुआ बहुत लाचार।। चीनी झालर से हुआ, चौपट कारोबार। मिट्टी के दीये लिए, बैठा रहा कुम्हार।। माटी को मत भूल तू, माटी के इंसान। माटी का दीपक बने, दीप पर्व की शान।। कोई मालामाल है, कोई है कंगाल। दरिद्रता का […] Read more » dohe on diwali दिवाली पर दोहे