कविता भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय December 23, 2022 / December 23, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय,गर्मी में देते हो ठंडी छांव प्रिय।मै भोली भाली ऐसी अबला हूं,मीठी निबोली खाती हूं प्राण प्रिए। मैं तेरी छांव में जीवन बिता दूंगी,अपना सब कुछ तुम पे लुटा दूंगी।एक बार तुम मुझको अपना लो,सातों जन्म तेरे साथ निभा दूंगी।। तुम मीठे फल देने वाले तरु मेरे,जीवन भर आश्रय देने […] Read more » even if you are bitter neem dear