लेख बुराई July 29, 2019 / July 29, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment जो गाकर बेचें अपने गम, कमाई हो ही जाती है निकलो जैसे ही महफिल से बुराई हो ही जाती है।। किसी के कान में है झूठ, कोई वादों का झूठा है कभी चक्कर में झूठों के, बुराई हो ही जाती है। बनाते हैं सभी रिश्ते, बहुत नजदीक आ करके हो गर ज्यादा मिठाई तो बुराई […] Read more » evil poem poetry