कविता टूट रहे परिवार ! May 15, 2022 / May 15, 2022 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment बदल गए परिवार के, अब तो सौरभ भाव !रिश्ते-नातों में नहीं, पहले जैसे चाव !! टूट रहे परिवार हैं, बदल रहे मनभाव !प्रेम जताते ग़ैर से, अपनों से अलगाव !! गलती है ये खून की, या संस्कारी भूल !अपने काँटों से लगे, और पराये फूल !! रहना मिल परिवार से, छोड़ न देना मूल !शोभा […] Read more » Families falling apart!