कविता साहित्य कविता ; बिटिया – प्रभुदयाल श्रीवास्तव February 1, 2012 / February 1, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 6 Comments on कविता ; बिटिया – प्रभुदयाल श्रीवास्तव इधर रोये बिटिया उधर रोये बिटिया पढ़ पढ़ के पा पा की प्यारी सी चिठिया| भईयों ने अपनी गृहस्थी सजा ली पापा से सबने ही दूरी बना ली अम्मा की तबियत हुई ढीली ढाली उन्हें अब डराती है हर रात काली सुबह शाम हाथों से खाना बनाना धोना है बरतन और झाड़ू लगाना जीने का […] Read more » daughter girls बिटिया