विविधा वो मेरे साथी नहीं, गुरु थे October 20, 2011 / December 5, 2011 by जगमोहन फुटेला | 1 Comment on वो मेरे साथी नहीं, गुरु थे जगमोहन फुटेला सरताज सन 69 के आसपास तब नैनीताल जिले के किच्छा कसबे के एक हाई स्कूल में पढ़ता था मैं. और नौंवीं दसवीं में मेरा एक सहपाठी था, सरताज जैदी. उसकी हथेलियाँ राजनाथ सिंह से भी बड़ी थीं. बहुत खूबसूरत गाता था वो. मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ उसपे किसी भी अनवर या सोनू निगम […] Read more » guru गुरु