शख्सियत समाज परसाई का मूल्यांकन क्यों नहीं? August 22, 2016 by एम्.एम्.चंद्रा | 3 Comments on परसाई का मूल्यांकन क्यों नहीं? एम् एम् चन्द्रा ‘जब बदलाव करना सम्भव था मैं आया नहीं: जब यह जरूरी था कि मैं, एक मामूली सा शख़्स, मदद करूँ, तो मैं हाशिये पर रहा।’ भारतीय इतिहास में हरिशंकर परसाई ही एक मात्र ऐसे लेखक रहे है, जो अपने रचना काल और उसके बाद आज भी व्यंग्य के सिरमौर बने हुए है. […] Read more » Harishankar Parsai हरिशंकर परसाई