कविता मैं हिमालय हूँ December 3, 2024 / December 3, 2024 by डॉ दिनेश चंद्र सिंह | Leave a Comment @ डॉ दिनेश चंद्र सिंह पूरब से उत्तर तक फैला हूँउत्तुंग शिखरों से सुशोभित हूँवन-सम्पदाओं का खान हूँखनिजों से परिपूर्ण हूँजीव-जंतुओं से आह्लादित हूँ,मैं हिमालय हूँ। भौगोलिक ऋतुओं के अनुसारजितनी भी रीतियाँ हैंसबने मुझे संताप दियापर मैंने कभी आह नहीं भरा,मैं हिमालय हूँ। मैंने सभी के संताप और पीड़ा को,संघर्ष के साथ स्वीकार करते हुएसबको […] Read more » i am himalaya