कविता पिता है तो लगता परिवार है। June 20, 2022 / June 20, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment पिता है तो लगता परिवार है।वरना दुनिया में सब बेकार है।। पिता है तो सोने में सुहागा है।वरना सारा परिवार अभागा है।। पिता परिवार की धन दौलत है।घर में सब कुछ उसकी बदौलत है।। पिता परिवार की रीड की हड्डी है।जैसे शरीर में पीठ वाली हड्डी है।। पिता बाहर गर्मी में जब जलता है।तब कही […] Read more » If there is a father then there is a family.