सार्थक पहल जिला विकास संगम का संदर्भ एवं स्वरूप January 12, 2011 / December 16, 2011 by के. एन. गोविंदाचार्य | 4 Comments on जिला विकास संगम का संदर्भ एवं स्वरूप के.एन. गोविन्दाचार्य प्रत्येक देश एवं समाज की एक तासीर होती है जो उसके इतिहास एवं भूगोल से बनती चली जाती है। इसे ही संस्कृति या सांस्वृफतिक विरासत कहा जा सकता है। तासीर में स्वभाव, गुणधर्म, जीवन दर्शन, जीवन शैली, जीवन लक्ष्य, जीवनमूल्य आदि की अभिव्यक्ति होती है। अलग-अलग तासीर होने के कारण विश्व में हर […] Read more » Jila vikas जिला विकास