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मोदी जी अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें – हो सकते है दुर्घटना का शिकार

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कुछ लोग एक दूसरे से एक दम विपरीत विचारधारा रखते है, सोच, कार्यशैली और जीवन के सिद्धांत भी एक दूसरे के विपरीत होते है। उन्हें उत्तर दक्षिण की संज्ञा भी दी जा सकती है। विचारधाराएं अलग होने पर भी कई बार जन्म कुंडली में बनने वाले योग काफी हद तक समानताएं रखते है, इस स्थिति में यह प्रश्न विचारणीय हो जाता है, कि किस स्थिति में समान योग रखने वाले व्यक्तियों की जीवनशैली भिन्न हो सकती है। उनके रहने, सोचने, खाने-पीने, पारिवारिक जीवन, वैवाहिक जीवन और अन्य कार्य विपरीत हो सकते है। परन्तु क्या जीवन का अंत या आयु के वर्षों की संख्या भी भिन्न हो सकती है। या जीवन का अंत दोनों का एक समान ही होगा। आज इसी प्रश्न का समाधान तलाशने के लिए हम संजय गांधी और नरेंद्र मोदी जी की कुंडलियों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे।    सत्यता को समझने – जानने का और भविष्य के गर्भ में झांकने का प्रयास करेंगे-   संजय गांधी दिसम्बर 14,1946,  9:30:  AM,  दिल्ली 23 जून 1980 मृत्यु  इंदिरा गांधी के बेटे और जवाहरलाल नेहरू के पोते संजय गांधी को लेकर कई तरह के विचार सामने आते है। एक और उनकी विचारधारा को लेकर आलोचना की गयी तो दूसरी और उनकी निर्णय क्षमता को सराहा भी गया। संजय गाँधी के समर्थक उनकी व्यावहारिकता, कार्रवाई-उन्मुख सोच, आक्रामकता और निर्णायकता को पसंद करते थे, तो उनके आलोचक उनके विद्रोही स्वभाव, व्यवहार और कार्य प्रणालियों पर सवाल उठाते रहे थे। संजय गाँधी ने अपनी माता इंदिरा गांधी के साथ मिलकर 1973-1977 के मध्य सत्ता में सहयोगी रहे थे। यह भी कह सकते है की इन्हें बिना चुनाव लड़े व्यावहारिक रूप से सरकार चलाने वाला भी कहा जाता है। भारतीय राजनीति में इन्हें ऊर्जावान, उत्साही माना जाता है। इन्हें उस समय का आदर्श प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी माना जाता था। यहां तक की  भारतीय राजनीति में इन्हें एक मील का पत्थर भी माना जाता है। 1980 में एक दुखद विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। ऐसा क्यों हुआ आइए इनकी कुंडली से जानते हैं-  कुंडली विश्लेषण संजय गांधी का जन्म मकर लग्न और सिंह राशि में हुआ। इनके पंचम भाव में राहु स्थित है, सप्तम भाव में शनि, अष्टम में चंद्र, नवम भाव में […]

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