विविधा सहारे कब तक दिया करोगी? June 17, 2009 / December 27, 2011 by कनिष्क कश्यप | 1 Comment on सहारे कब तक दिया करोगी? इतनी चाहत क्युं है मुझसे ख्वाबों में हरपल आती हो मुझे हंसाती, मुझे मनाती आस के मंजर बनाती बाहों के दरमियान रौशनी बन सिमटी जाती कब तक मेरे ख्वाहिसों की गुलामी तुम किया करोगी सहारे कब तक दिया करोगी? आखें बस तुम्हे ढुढंती हैं जुबां बस तुम्हे पुकारती जगते हुए तुम्हे हीं देखता सपने भी […] Read more » Love Life