कविता झूठ बोलते बोलते,सच को झुठलाते गये June 27, 2019 / June 27, 2019 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on झूठ बोलते बोलते,सच को झुठलाते गये झूठ बोलते बोलते,सच को झुठलाते गये |क्योकि लोगो की जवां पर ताले पड गये || थक गये राहो में,चलना है मुश्किल |क्योकि उनके पाँवो में छाले पड़ गये || कर लेते हम प्यार,करना है मुश्किल |क्योकि लोगो के दिल काले पड गये || दूभर है जिन्दगी,काटना है मुश्किल |क्योकि शुद्ध हवा के लाले पड गये […] Read more » lying Speaking truth