कला-संस्कृति कैकई का राष्ट्रहित May 3, 2011 / December 13, 2011 by जगदम्बा प्रसाद गुप्ता ”जगत” | 1 Comment on कैकई का राष्ट्रहित “कोशलोनाम मुदित, स्फीतो जनपदो महान। निविश्टः सरयू तीरे, प्रभूत धनधान्यवान ॥” प्राचीन काल में कोशल जनपद की महत्ता का वर्णन वाल्मीकि रामायण के उक्त श्लोक से स्वतः सिद्ध हो जाती है। ऐसे महान जनपद में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वाली महान समरांगणी एवं अद्वितीय बुद्धिमती माता कैकेयी ने आसन्न महासंकट का अनुभव करते हुए जो […] Read more » National interest